Saturday, 16 July 2016

कहानियाँ और किस्से

 कहानियाँ और किस्से जो आ गए मेरे हिस्से,
इन्हें यादों की डोरियों से बाँध रखा है 
कभी फुर्सत मिले तो आना मिलने ,
बडे प्यार से संभाले रखा है। 
इस जादू के पिटारे को हम फिर से खोल लेंगे 
तुम बडे गौर से सुन्ना ,वो दिन फिर याद आ जाएँगे। 
हर डोरी से बन्धे हैं हम 
इन बातों को गर समझो तुम ,
कहानियों मे ना सही ,
शायद हक़ीक़त मे ही मिल जाएँ हम। 
 

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