अकेलेपन ने जब ढूँढा हमें
मिले हम उसे तन्हाई में
हमसे नज़रें भी न मिला सका वो
हालत हमारी देख के
फर्श पर गिरे दिल के टुकड़ों को हम समेट रहे थे ,
अपने आँसुओं से उन्हें जोड़ रहे थे !
उसने दबी आवाज़ में पूछा ,
दर्द हो रहा होगा ना ?
हमने भी नादानी से कहा
हाँ शायद। ........ पर अभी थोड़ा नम होगा ना !
SASSY NANCEE
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